आगे आया समुदाय और खुद बना डाली स्कूल बाउंड्री
- ग्राम सभा और अधिकारियों से मांग करने पर भी नहीं हो रहा था काम
- बच्चों पर मंडराया रहता था खतरा
पोहरी। पोहरी ब्लॉक के पटपरी प्राथमिक स्कूल में बच्चे पढ़ने आते तो बहुत डर बना रहता है, क्योंकि स्कूल के पास से ही अहेरा रोड निकला है। रोड पर वाहनों का तेजी से आना जाना बना रहता है। इससे कभी भी कोई दुर्घटना का अंदेशा बना रहता था। स्कूल के चारों तरफ पशु भी घूमते रहते हैं जिससे बच्चों को खतरा बना रहता है।
ब्लॉक में सामाजिक विषयों पर काम कर रही संस्था विकास संवाद ने इस समस्या को समझा। इस स्कूल की सुरक्षा को लेकर समुदाय के साथ बैठक की गई। बैठक में समुदाय द्वारा स्कूल की बॉन्ड्रीबॉल करने पर बात की गई। तेज सिंह आदिवासी ने कहा कि कि हमने इस स्कूल की बॉन्ड्री के लिए ग्राम सभा की बैठकों भी प्रस्ताव रखे हैं और अधिकारियां को भी बताया है, परन्तु आज तक यह बॉन्ड्री नही हुई है। अब इसके लिए हमको ही आगे आने की जरूरत है, क्योंकि स्कूल में हमारे ही बच्चे पढ़ते हैं। इस पर पूरे समुदाय की सहमति बनी और गांव के पास से एक नाला निकला है, उसमें से पत्थर खोदकर स्कूल की बॉन्ड्री करने का निर्णय लिया गया।
जब तय कर लिया तो इसकी नापातौली की गई। बॉन्ड्री की चौडाई 100 फिट और लम्बाई 200 फिट की है। समुदाय द्वारा फत्थर खण्डा जमा किया गया। लगभग 40 से 50 ट्रॉली और इसकी कोटरी रखने के लिए समुदाय के ही जो व्यक्तियों द्वारा रखने का काम किया जाता था अब वही व्यक्ति काम कर रहे हैं। इस बॉन्ड्री के अंदर जाने के लिए समुदाय के ही कारीगर द्वारा लकडी की किवाई बनाई गई है। जिससे अंदर जा सके और कोई पशु अंदर न जा सके। तथा बॉन्ड्री के अंदर वृक्षारोपण और पोषण वाटिका भी लगाया जाएगा। पोषण वाटिका से बच्चों को मिलने बाले मध्यान्ह भोजन में सब्जी इसी पोषण वाटिका से मिले जो बिना कीटनाशक दवाओं की होगी जिसकी जिम्मेदारी समुदाय ने ली है।
विकास संवाद के अजय यादव ने बताया कि इस काम के लिए सामाजिक संस्था गूंज ने भी मदद की है। जिन लोगों ने इस काम में सहयोग दिया है उन पचास परिवारों को 50 परिवारों को गरिमा के साथ पोषण खाद्यान्यान किट दी जाएगी। इस किट में दस किलो आटा तीन लीटर तेल, तीन किलो तुअर दाल, एक किलो मूंगफली, एक किलो गुड़, शामिल है। यह हमारे काम को एक मॉडल है जिससे कि लोगों की खादय सुरक्षा भी सुनिष्चित होती है, और सामुदायिक जगहों से लोगों का जुड़ाव बनता है।