फ्रन्टलाइन वर्कर को मिली सुरक्षा
कोविड महामारी की दूसरी लहर मे जहां लोग अपनी जान बचाने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं वहीं आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जैसी फ्रंट लाइन वर्कर को कोरोना संकट के बीच आवश्यक संसाधनों के बगैर अपनी सेवाएँ देने के लिए जमीन पर उतार दिया गया।
मप्र मे जारी किल कोरोना अभियान के तहत घर – घर जाकर संक्रमितों की पहचान सर्वे हेतु जब आशा कार्यकर्ता की ड्यूटी लगाई गयी तब उनके पास अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक संसाधन मास्क, सेनीटाइजर, कैप , ग्लब्स , ओक्सीमीटर , थर्मामीटर आदि भी नहीं थे । शिवपुरी जिले के पोहरी जनपद अंतर्गत 15 गाँव मे संस्था विकास संवाद द्वारा हाल ही मे किए गए प्राथमिक अध्ययन मे उपरोक्त कमी सामने आयी । इन आशा कार्यकर्ताओं द्वारा ग्राम स्वास्थ्य तदर्थ समिति की बैठक व अन्य कार्य की जवाबदेही भी निभायी जा रही है जबकि गत साल भर से इस समिति को किसी तरह का बजट शासन द्वारा नहीं दिया गया है ताकि वे गाँव मे साफ सफाई व दवाओं का छिड़काव आदि जरूरी कार्य कर सकें । इस काम मे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
फ्रंट लाइन वर्कर की इस परिस्थिति को देखते हुये संस्था द्वारा क्राई नई दिल्ली के सयोग से शिवपुरी जिले के पोहरी जनपद के 15 गॉव की सभी आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता एएनएम व आशा सहयोगनी को 2 एन 95 मास्क और 2 हैण्ड वॉश दिये गये हैं । कोविड संकट के समय अपनी सुरक्षा से जुड़े इन संसाधनों को पाकर सभी कार्यकरताओं ने कहा की वे अब निडर और सुरक्षित रहते हुये अपनी सेवाएँ दे सकेंगे। साथ ही संस्था ने भी भरोसा दिया की वे फ्रंट लाइन वर्कर का सहयोग करते हुये कोविड से लड़ने मे हरदम साथ हैं ।
कोविड पीड़ितों का हौसला बढ़ा रही आंगनवाडी कार्यकर्ता गायत्री
शिवपुरी जिले के पोहरी जनपद अंतर्गत ग्राम सोनीपुरा की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गायत्री सेन अपनी विभागीय जिम्मेदारियाँ निभाने के साथ ही अपने फोन के माध्यम से कोविड पीड़ितों का हौसला बढ़ाने और रोजाना उनका हाल – चाल पता करने तथा जरूरतमन्द परिवारों को राशन दिलाने के काम मे लगी हुई हैं । उनके इस सेवा भावना से ग्रामवासी काफी खुश हैं ।
किल कोरोना सर्वेक्षण के दौरान सोनीपुरा गाँव से 10 कोविड पॉज़िटिव मरीज पता चले जो आज होम आइसोलेशन मे रहते हुये स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं । जब इन मरीजों और उनके परिवारजनों को कोरोना होने का पता चला तब वे डर गए कि अब न जाने क्या होगा और सभी घबराने लगे । तब गायत्री सेन ने उनकी हिम्मत बढाई कि डरने – घबराने की जरूरत नहीं है बस जो दवा और बचाव के उपाय बताए जा रहे उनका उपयोग समय से करते रहे क्योंकि कई लोग घर पर रहकर ही ठीक हो जा रहे हैं।
गायत्री उन मरीजो की हिम्मत बढाने व स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए रोज फोन पर बात करती है । उन्हें सलाह देती है कि नियमित डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा लेना है और अपने खान पान का पूरा ध्यान रखना है । नमक डालकर गरम पानी के गरारे और सुबह शाम भाप लेने का तरीका भी वह सभी को बताती है ।
बच्चों को दिये मास्क
गायत्री सेन ने अप्रेल मे कोरोना जैसे ही शुरू हुआ तव अपने गाँव में कोरोना से बच्चे सुरक्षित रहे उनका बचाब हो इसके लिऐ स्वयं से कपड़े खरीदकर और खुद सिलाई मशीन से मास्क सिलकर 15 ऐसे बच्चों को दिये जिनके पास मास्क नहीं था। गायत्री सेन इन सभी बच्चों के लिए टेक होम राशन सत्तू दलिया पहुंचाने के काम मे भी मन से लगी हुई हैं ।
राशन व पैसे देकर जरूरतमन्द आरती की मदद की
सोनीपुरा की आरती बाई की लॉक डाउन के कारण एक तरफ मजदूरी छिन गयी वहीं वह खुद भी बीमार हो गयी । इससे उसे व उसके परिवार को खाने-पीने की परेशानी होने लगी। गायत्री को जब यह बात पता चला तो उसने आरती के बच्चों को बुलाकर 35 किलो गेहूं व कुछ पैसे देकर उसकी मदद की । इस तरह गायत्री ने अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के साथ ही मानवीय सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया है ।
सुरक्षित प्रसव के साथ जीती कोरोना से जंग
शिवपुरी जिले के पोहरी जनपद के गाँव जाखनोद की मनीषा जाटव पत्नी बिल्लू जाटव बेहद गरीब परिवार से है जो मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं । मनीषा जाटव जब गर्भवती हुई तभी से कोरोना के कारण हर तरफ लॉक डाउन लग गया और पति के लिए नियमित रोजगार की दिक्कतें शुरू हो गयी । इससे गर्भावस्था मे उसे पर्याप्त पोषण की भी दिक्कतें रही है । उसकी एक लडकी प्रिया भी है जो 23 माह की है ।
जैसे-जैसे अप्रैल माह मे उसके प्रसव के दिन नजदीक आ रहे थे वैसे मनीषा और उनके परिवार जनों की चिंता की बढ़ती जा रही थी क्योंकि हर तरफ से कोरोना की दूसरी लहर के कारण हो रही अनहोनियों की खबरें उन्हें डरा रही थी । इसी बीच मनीषा को 19 अप्रैल 2021 को प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पोहरी ले जाना पड़ा जहॉ पर रात्री 10 बजे उसके बच्चे का सुरक्षित प्रसव हुआ । जन्म के समय लडके का वजन 2किलो 700 ग्राम था और माँ ने उसे अपना पहला दूध भी पिलाया । प्रसव के बाद मनीषा का कोरोना का सेंपल लिया गया जिसमे मनीषा कोरोना पॉजिटिव निकली। यह बात जैसे ही मनीषा और उसके परिवार वालों को पता चला कि मनीषा पॉजिटिव है तो सभी बहुत डर गये । तभी उनके परिवारजनों ने जाखनौद के सामाजिक कार्यकर्ता अजय यादव को फोन लगाया कि मनीषा कोरोना पॉजिटिव आई है अब हम क्या करें तब उन्हें समझाया गया कि जैसा डॉक्टर सलाह दे वैसा ही करना है और घबराने कि जरूरत नहीं है हम सब पूरी मदद करेंगे । बीएमओ द्वारा जच्चा और बच्चा दोनो को 14 दिन के लिए होम कोरेंटाइन की सलाह और जरूरी दवा दी गई ।
संस्था ने दिया राशन व मास्क सेनीटाइजर
मनीषा और उसके बच्चे के घर आने पर संस्था क्राइ के सहयोग से अजय यादव द्वारा मनीषा और उसके पूरे परिवार को मास्क व सेनेटाईजर दिया गया साथ ही 5 किलो आटा 1किलो तुअर दाल 1किलो तेल 1 किलो शक्कर 1किलो नमक 250 ग्राम हल्दी 250 ग्राम मिर्ची लाल 250 ग्राम सोयाबड़ी की किट प्रदान की गई । परिवार जनों को सलाह दी गई कि बच्चे को जब भी कोई उठाये अपने हाथो को सेनेटाइजर करके ही उठाए । मनीषा को नियमित खान पान का ध्यान रखे तथा बच्चे का दूध पिलाने से पहले ऑचल साफ करके बार बार दूध पिलाने की सलाह दी गयी । 4 मई 2021 को मनीषा और उसके बच्चे का होम कोरेंटाइन पूरा हुआ फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य और सुरक्षित हैं । बेहतर देखभाल से मनीषा ने कोरोना से जंग जीत ली और उनका बच्चा भी सुरक्षित है इस बात की खुशी पूरे परिवार जनों मे है ।