समुदाय ने आंगनवाड़ी भवन को संवारा
सतना जिले के केलौहरा गांव के बड़ा तालाब गांव में आंगनवाड़ी भवन न होने के कारण पहले ये केंद्र गांव की माध्यमिक शाला के एक पुराने भवन में लगता था जोकि बहुत ही जर्जर और गांव की मवासी बस्ती से दूर था। गाँव के दस्तक महिला और युवा समूहों के साथियों ने दस्तक परियोजना के प्रथम फेस में अपनी ग्रामविकास योजना तैयार की थी,जिसमें आंगनबाड़ी भवन के निर्माण की भी मांग की गई थी, ग्राम विकास योजना को ग्राम सभा मे प्रस्तावित व अनुमोदित करवा कर एक प्रति जमा किया गया था, जिसके फलस्वरूप अगले साल ही आंगनवाड़ी का यह नवीन भवन मवासी के बिल्कुल सामने रोड की दूसरी ओर बनाया गया था।
रोड किनारे के इस भवन में बाउंड्री नहीं थी, जिसके कारण रात में आवारा जानवर वहाँ एकत्र हो जाते थे और गोबर करते थे जिससे बरसात होने पर गोबर और जानवरों के आने जाने कीचड़ हो जाता था। ऐसी स्थिति में छोटे बच्चों और माताओं को काफ़ी असुविधा थी। वातावरण गंदा और बदबू आती थी। केंद्र के आसपास बरसात का पानी जमा हो गया था, जिससे भवन के गिर जाने का भी खतरा था और केंद्र में आने वाले छोटे बच्चों के लिए अगल बगल पानी के गड्ढे बहुत खतरनाक और चिंता जनक थे।
गाँव के विकास संवाद दस्तक महिला समूह और युवा समूह के साथियों ने अपनी बैठक में इस समस्या के समाधान का निर्णय लिया था। जिसके फलस्वरूप यहाँ की साफ सफाई करके ,लकड़ी के टट्टे लगाकर बाउंड्रीवाल बनाया है और आने जाने का एक लकड़ी का गेट बनाया है। टट्टे जानवर तोड़ न दे तो बाहर की तरफ जंगल से कंटीले पौधों की झाड़ लाकर लगाई है। आंगनवाड़ी के अंदर 10 फलदार पौधे जिसमे 5 आम और 5 जामुन है लगाए गए हैं, ताकि कुछ साल बाद केंद्र में बच्चों, माताओ को छाया और फल दोनों मिले, पौधों की सुरक्षा हेतु लकड़ी के टी गार्ड भी लगाए गए हैं। केंद्र के अलग बगल भरे हुए पानी की निकासी की नाली भी बना दी गई है ताकि भवन को बचाया जा सके। यह सब काम गूंज के सहयोग से किया गया है।
— प्रतीक कुमार